इन हवाओ का रुख मोरणे को जी चाहता है
फिर से बचपन में चले जाने को जी चाहता है
उनके चेहरे पे मुस्कान लाने को जी चाहता है
उनके दामन को खुशियों से भर देने को जी चाहता है
अपने दर्द में डूब जाने को जी चाहता है
इस भीड़ में गम जाने को जी चाहता है
रूठे हुए को हसाने को जी चाहता है
खुदा की ताक़त चुरा लेने को जी चाहता है
एक नया हिंदुस्तान बसाने को जी चाहता है!
थोड़ी देर से ही सही
पापा को अपनी ख्वाहिश बताने को जी चाहता है
एक शायर बन जाने को जी चाहता है!
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2 comments:
nice one...:) keep writting...:)
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