आज वो कुछ कहे बिना ही चले गये
लगा की वो नाराज हैं हमसे
मगर नाराजगी कैसी
जब अब तक इज़हार - एह - मोहब्बत नहीं की हमने!
उन्हें नहीं पता की उनके चले जाने का गम
गम नहीं एक सजा है हमारे लिए!
रोज सुबह उनकी नज़रों का टकराना
जैसे अंधेरो भरी ज़िन्दगी में उजाले का आ जाना
अब किसका इंतज़ार करेंगे ये नैना
किसको दिन भर ताकेंगे ये नैना!
उनकी मुस्कराहट को तरसेंगे ये नैना
उनकी ख़ामोशी को तरसेंगे ये नैना !
एक ज़ालिम ने ये खबर सुनाई हमे
हँसते हँसते उनके चले जाने की
कैसे विस्वास करूँ उन लम्हों का
जब हमारी सांसें थम गयी ये सुन कर!!
Thursday, January 6, 2011
चाहत
इन हवाओ का रुख मोरणे को जी चाहता है
फिर से बचपन में चले जाने को जी चाहता है
उनके चेहरे पे मुस्कान लाने को जी चाहता है
उनके दामन को खुशियों से भर देने को जी चाहता है
अपने दर्द में डूब जाने को जी चाहता है
इस भीड़ में गम जाने को जी चाहता है
रूठे हुए को हसाने को जी चाहता है
खुदा की ताक़त चुरा लेने को जी चाहता है
एक नया हिंदुस्तान बसाने को जी चाहता है!
थोड़ी देर से ही सही
पापा को अपनी ख्वाहिश बताने को जी चाहता है
एक शायर बन जाने को जी चाहता है!
फिर से बचपन में चले जाने को जी चाहता है
उनके चेहरे पे मुस्कान लाने को जी चाहता है
उनके दामन को खुशियों से भर देने को जी चाहता है
अपने दर्द में डूब जाने को जी चाहता है
इस भीड़ में गम जाने को जी चाहता है
रूठे हुए को हसाने को जी चाहता है
खुदा की ताक़त चुरा लेने को जी चाहता है
एक नया हिंदुस्तान बसाने को जी चाहता है!
थोड़ी देर से ही सही
पापा को अपनी ख्वाहिश बताने को जी चाहता है
एक शायर बन जाने को जी चाहता है!
बिटिया
आज खुदा पे विश्वास करने को जी चाहता है
उसकी दिल से इबादत करने को जी चाहता है
एक ख़ुशी को जी तरसता था अब तक
आज दोहरी ख़ुशी में पगलाने को जी चाहता है!
उन्हें अपनी बाहों में भर लेने को जी चाहता है
उनके मस्तक को चूमते रहने को जी चाहता है
बुखार में उनके तपते बदन को छु लेने से
अपनी आँखों में भर आये आंसुओं को छुपा लेने को जी चाहता है!
उनके चेहरे को आँखों में क़ैद कर लेने को जी चाहता है
उनकी हंसी पर खुद को लुटा देने को जी चाहता है
जब भी उन्हें सीने से लगाया है हमने
उनके छुई मुई होने के एहसास को याद करने को जी चाहता है!
उनका नन्हे हाथो को पकड़ के सारे आकाश में घुमने को जी चाहता है
उनके भोले प्रश्नों को सुन कर दिल खोल के हसने को जी चाहता है
उनके नन्हे कदमो के पीछे सारा दिन भागते रहने को जी चाहता है!
इस आतंक के माहौल में उन्हें भी जीना होगा, ये सोच कर जी घबराता है
बाहर पड़ते उनके कदमो को रोक लेने को जी चाहता है
खुदा भी उनके साथ रहेगा
ये सोच कर दिल को तसल्ली देने को जी चाहता है!
उसकी दिल से इबादत करने को जी चाहता है
एक ख़ुशी को जी तरसता था अब तक
आज दोहरी ख़ुशी में पगलाने को जी चाहता है!
उन्हें अपनी बाहों में भर लेने को जी चाहता है
उनके मस्तक को चूमते रहने को जी चाहता है
बुखार में उनके तपते बदन को छु लेने से
अपनी आँखों में भर आये आंसुओं को छुपा लेने को जी चाहता है!
उनके चेहरे को आँखों में क़ैद कर लेने को जी चाहता है
उनकी हंसी पर खुद को लुटा देने को जी चाहता है
जब भी उन्हें सीने से लगाया है हमने
उनके छुई मुई होने के एहसास को याद करने को जी चाहता है!
उनका नन्हे हाथो को पकड़ के सारे आकाश में घुमने को जी चाहता है
उनके भोले प्रश्नों को सुन कर दिल खोल के हसने को जी चाहता है
उनके नन्हे कदमो के पीछे सारा दिन भागते रहने को जी चाहता है!
इस आतंक के माहौल में उन्हें भी जीना होगा, ये सोच कर जी घबराता है
बाहर पड़ते उनके कदमो को रोक लेने को जी चाहता है
खुदा भी उनके साथ रहेगा
ये सोच कर दिल को तसल्ली देने को जी चाहता है!
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